पिछले कुछ दिनों से धार शहर के इमामबाड़े को लेकर उबजे विवाद के संबंध में धार मुस्लिम समाज ने कलेक्टर प्रियंका मिश्रा को ज्ञापन सोपा जिसमें बताया गया कि शहर के हटवाड़ा स्थित इमामबाड़ा आजादी के डेढ़ सौ दो सौ वर्ष पूर्व धार महाराज आनंद राव पवार के कार्यकाल में इसका निर्माण हुआ था तथा महाराज ने मुस्लिम समाज को ताजीये रखने के लिए इसे वक्फ (दान) किया था ।
धार@साबिर खान
धार महाराज द्वारा प्रतिवर्ष अपने खर्चे से इमामबाड़े की सफाई रंगाई पुताई आदि कराते थे । प्रति वर्ष मोहर्रम पर ताजिया बनाने का खर्च भी स्वयं उठाते थे । देश आजाद होने के बाद सारी सरकारी इमारत की रंगाई पुताई पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा की जाने लगी उसी के तहत इमामबाड़े की भी रंगाई पुताई पीडब्ल्यूडी विभाग कराने लगा ।
उक्त इमामबाड़े के निर्माण से वर्तमान तक उसका स्वरूप हजरत इमाम हुसैन के नाम पर है जिसका शिलालेख में उल्लेख है । यहां तक की धार्मिक उपासना स्थल अधिनियम 1991 के प्रभावशील के समय भी उक्त भवन हजरत इमाम हुसैन के नाम पर इमामबाड़ा के स्वरूप में उपयोग होता आ रहा है ।
ज्ञापन में मुस्लिम समाज ने कलेक्टर से मांग की है कि इस धार्मिक स्वरूप को किसी दूसरे स्वरूप में परिवर्तित करना अपराध है और सरकार का दायित्व है कि उक्त स्वरूप को नया नाम देकर परिवर्तन करने का भ्रामक प्रचार करने वाले लोगों अथवा संगठन के विरोध कार्यवाही की जाए । कुछ दिनों से इमामबाड़े को लेकर भ्रामक प्रचार प्रसार किया जा रहा है जिसे देखते हुए इमामबाड़े के भवन की सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए जाएं । ज्ञापन देते समय सलीम यार खा भाटू सदर मुस्लिम समाज धार, शकील खान, जुल्फिकार पठान, लियाकत पटेल, जुनैद पठान, अनवर खान, सिद्दीक खान, कल्लू नेता, वाकिफ मोहम्मद, फिरोज खान,
हाजी सुलेमान कुरैशी, कलीम कुरैशी आदि उपस्थित थे।